मैं किसी को प्रसन्न या हताश करने हेतु नही लिखता हूं, मैं वही लिखता हूं जो मुझे ठीक लगता है, आवश्यक नही कि कोई उस से सहमत अथवा असहमत हो...
Aug 30, 2010
Aug 24, 2010
नेता का सरकारी झपट्टा..
एक नेता बहुत ही परेशान था, उसके साथ के कई नेता चारा, सडक, डामर, पनडुब्बी, तोप, प्रोविडेंड फंड, रिश्वत खा कर, और ईमान, धर्म, देश, न्याय, सुरक्षा बेच कर बहुत मोटे हो गये थे. नेता चूंकि खेल संघ का अध्यक्ष भी था लेकिन फिर भी कुछ नही कर पा रहा था क्यों कि जो कमाई चारा, डामर, पनडुब्बी, तोपो मे थी वो कमाई खेलो मे नही हो पाती थी.
Aug 13, 2010
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