Sep 29, 2010

कबीर के दोहे, कॉमनवेल्थ खेल के परिप्रेक्ष्य में..

साई इतना दीजिये, जितना कलमाडी खाय !

सात पुश्त भूखी ना रहे, कोई चिंता नही सताय !!


गिल कलमाडी दौऊ खडे, काके लागू पांय !

बलिहारी मै दौऊ पर, भट्टा दिया बिठाय !!



Sep 1, 2010

कामन वेल्थ झेल का थीम गीत…

कृपया धुन के लिये प्रदीप जी का लिखा प्रसिद्ध गीत


“आओ बच्चो तुम्हे दिखाये, झांकी हिन्दुस्तान की, इस मिट्टी से तिलक करो ,

ये धरती है बलिदान की”

पर निम्न पन्क्तियों को समायोजित करने का प्रयास करें…


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आओ तुमको कथा सुनाये, नेता जी के चमत्कार की.

खेल खेल में पैसा  झपटा, लोगो ने हाहाकार की.

टैक्स भी ले लिया…. काम भी नही किया.

टैक्स भी ले लिया…. काम भी नही किया.



Aug 30, 2010

कामन वेल्थ खेलो का गीत उसके भावार्थ सहित...

पेश है कामन वेल्थ खेलो का गीत उसके भावार्थ सहित..

प्रसंग : ये पद्य हमने कामन वेल्थ खेलो के गीत से लिया है.. यहां पर नेता अपनी कमाई की खुशी मे जोर जोर से गीत गा रहा है.. गीत का भावार्थ निम्न है..



Aug 24, 2010

नेता का सरकारी झपट्टा..


एक नेता बहुत ही परेशान था, उसके साथ के कई नेता चारा, सडक, डामर, पनडुब्बी, तोप, प्रोविडेंड फंड, रिश्वत खा कर, और ईमान, धर्म, देश, न्याय, सुरक्षा बेच कर बहुत मोटे हो गये थे. नेता चूंकि खेल संघ का अध्यक्ष भी था लेकिन फिर भी कुछ नही कर पा रहा था क्यों कि जो कमाई चारा, डामर, पनडुब्बी, तोपो मे थी वो कमाई खेलो मे नही हो पाती थी. 


Aug 13, 2010

अकेले शाम को..

तुझे देख नही पाता कोई,

शाम सडक ने फिर पूछा..

अब अकेले आते हो..?