पर्यावरण संरक्षण, पितृसत्ता और महिला अधिकार ऐसे शब्द और कार्यक्रम हैं
जिनका वामपंथियों द्वारा आज भारतीय परंपरा, संस्कृति के ऊपर शस्त्र के रूप
में उपयोग किया जा रहा है. एक सुशील, आदर्श और कट्टर वामपंथी पर्यावरण
संरक्षण के लिये दीवाली, होली, दही हांडी, मकर संक्रांति जैसे उत्सवों को
चुनता है और कहता है कि ये पर्यावरण विरोधी हैं. उसे दीवाली पर वायु
प्रदूषण, होली पर जल प्रदूषण, मकर संक्रांति पर पक्षी हत्या होती दिखती है.